कई होटल्स और रैस्टोरेंट के मालिक जीत देशपांडे के साथ जीवन बदल देने वाली एक रात बिताने के बाद, सविता अपने सपनों को पूरा करने के लिए, उसके साथ काम करने के लिए तैयार हो जाती है. पर जीत के बिज़नेस में शामिल होने के लिए उसे अशोक को तलाक़ देना होगा और अपने सभी दोस्तों और चाहनेवालों से दूर जाना होगा. लेकिन अगर अपनी लाइफ को और अच्छा बनाने के लिए उसे ये करना ही पड़ेगा तो, उसने ये समझौता करने का मन बना लिया है.
सविता के हलचल भरे जीवन के पात्र, उसकी जन्मदिन की रात उसके सामने आते हैं, और इस कहानी के असली विजेता की ताजपोशी आखिरी पन्नो तक नही होती!
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